भूतपूर्व राज्यपाल, राजस्थान एवं हिमाचल प्रदेश, कलराज मिश्र द्वारा स्थापित विश्व ब्राह्मण कल्याण परिषद ट्रस्ट ने औपचारिक रूप से अपने आध्यात्मिक, सामाजिक और राष्ट्रीय पुनर्जागरण के 'पवित्र यज्ञ' का शुभारंभ किया है। मिश्र ने अपने संदेश में स्पष्ट किया है कि यह ट्रस्ट केवल एक पारंपरिक संगठन नहीं है, बल्कि यह सेवा, समर्पण और सद्भाव की भावना से समाज के भीतर सकारात्मक और स्थायी परिवर्तन लाने के लिए समर्पित है।
परिषद का प्रमुख संकल्प है कि ब्राह्मण समुदाय अपनी ज्ञान, परंपरा, सेवा भावना से समाज के सभी वर्गों के बीच समरसता, ज्ञान और सद्भाव स्थापित करने में पथ प्रदर्शक की भूमिका निभाए, ताकि भारत को उसके प्राचीन गौरव के अनुरूप 'विश्व-आदर्श' के रूप में पुनर्स्थापित किया जा सके।
कलराज जी ने ब्राह्मण समाज से जातीय संकीर्णता से ऊपर उठकर, राष्ट्रहित, संस्कृति संरक्षण और मानवता की सेवाकोअपना सर्वोच्च धर्म मानने का आह्वान कियाहै।
यह अभियान ज्ञान परंपरा, सेवा संस्कृति और राष्ट्रीय चेतना के पुनर्जागरण का एक ऐतिहासिक कदम है, जिसमें सभी के सहयोग की अपेक्षा की गई है।
संस्थापक अध्यक्ष, माननीय कलराज मिश्र जी ने स्पष्ट रूप से इन उद्देश्यों और कार्ययोजनाओं की जानकारी दी जिन पर संगठन प्रमुखता से काम करेगा:
- आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक उत्थान: वेद, उपनिषद और भारतीय परंपराओं का संरक्षण एवं प्रचार-प्रसार करना इस लक्ष्य के लिए, वेदपाठी ब्राह्मणों और संस्कृत पाठशालाओं को आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाएगा ताकि शुद्ध और सही पूजा-पाठ के लिए योग्य ब्राह्मणों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।
- शिक्षा, कौशल विकास एवं आर्थिक आत्मनिर्भरता: सनातन ज्ञान परंपरा को आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ एकीकृत करते हुए युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गुरुकुल, कौशल विकास केंद्र एवं डिजिटल शिक्षा की सुदृढ़ व्यवस्था करना।
- "जॉब्स पोर्टल": युवाओं को रोजगार और प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करने के लिए एक विशेष "जॉब्स पोर्टल" विकसित किया जाएगा, जो उद्यमियों और बेरोज़गार युवाओं के बीच सीधा संपर्क स्थापित करेगा।
- मानवीय सेवा और सामाजिक सुरक्षा: असमर्थ ब्राह्मण परिवारों की बेटियों के विवाह में आर्थिक सहयोग तथा समुदाय के सदस्यों को त्वरित वैधानिक (कानूनी) सहायता प्रदान करना।
- 'विप्र कल्याण बोर्ड' की मांग: परिषद सभी राज्य सरकारों से राजस्थान की तर्ज पर 'विप्र कल्याण बोर्ड' का जल्द से जल्द गठन सुनिश्चित करने की प्रमुखता से मांग करता है, इसके लिए सभी राज्यसरकारो से बात की जायेगी I
- गौसेवा: गौसेवा को अनिवार्य धार्मिक एवं नैतिक कर्तव्य के रूप में स्थापित करना और सरकारी योजनाओं के माध्यम से गौ-पालन को आधुनिक रोजगार और उद्यमिता से जोड़ना।
विश्व ब्राह्मण कल्याण परिषद ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष श्री कलराज मिश्र ने संगठन के कार्यों को गति देने और दिशा-निर्देशन सुनिश्चित करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियुक्तियाँ की हैं (जिनकी सूची अलग से प्रदान की जाएगी)। नव-नियुक्त पदाधिकारियों को देश के प्रत्येक जिले में मार्च २०२६ से पहले १००० सदस्यों को जोड़ने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य दिया गया है, ताकि राष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत और समर्पित नेटवर्क स्थापित हो सके।
इस शुभ अवसर पर, पूज्यपाद स्वामी कैलाशानंद गिरी जी महाराज, जो कि एक प्रतिष्ठित संत और आध्यात्मिक गुरु हैं,ने नवनियुक्त पदाधिकारियों को संगठन एवं समाज हित में निःस्वार्थ कार्य करने की शपथ दिलवाई और उन्हें समाज के कल्याण के लिए बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया।
स्वामी कैलाशानंद जी महाराज ने अपने ओजस्वी उद्बोधन में समाज के सभी वर्गों से आग्रह किया कि वे आपसी भाईचारे की भावना को बढ़ाते हुए, एक समावेशी और मजबूत समाज के निर्माण में आगे बढ़ें। उन्होंने ब्राह्मण समाज के उपस्थित सभी प्रमुखों से यह विशेष आह्वान किया कि वे युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से, संगठन के इस पहल (जॉब्स पोर्टल आदि) में अपना अभूतपूर्व सहयोग प्रदान करें।
महाराज जी ने समाज में कम होती वेदपाठी ब्राह्मणों की संख्या पर भी गहरी चिंता व्यक्त की और इस महत्वपूर्ण विषय पर संगठन के प्रयासों में पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया। अंततः, उन्होंने सभी सामाजिक और धार्मिक संगठनों के साथ समन्वय स्थापित कर, कुछ साझा एवं राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर एकजुट होकर कार्य करने के लिए ब्राह्मण समाज के प्रबुद्ध लोगो से आगे बढ़कर कार्य करने का विनम्र निवेदन किया, ताकि सामूहिक शक्ति से राष्ट्र और समाज का अधिकतम उत्थान सुनिश्चित हो सके।
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