Bihar Assembly Election 2025 के लिए विधायक राजेश कुमार को बिहार कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया है. राहुल भीरहेंगे बिहार में सक्रिय

कांग्रेस ने अखिलेश प्रसाद सिंह की जगह विधायक राजेश कुमार को बिहार कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया है. राजेश कुमार को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस विधानसभा चुनाव से पहले दलितों को साधने का प्रयास किया है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के लिए राजेश कुमार के अलावा पूनम पासवान, प्रतिमा दास समेत कई नेताओं के नाम पर चर्चा चल रहे थे, लेकिन आखिर में बाजी विधायक राजेश ने मारी.

Bihar Assembly Election 2025  के  लिए विधायक राजेश कुमार को बिहार कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया है. राहुल भीरहेंगे  बिहार में सक्रिय
राहुल गाँधी & राजेश कुमार


राजेश कुमार को कांग्रेस ने क्यों दी जिम्मेवारी?

राजेश कुमार बिहार के औरंगाबाद जिला के कुटुम्बा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. इनके पिता भी कांग्रेस के सीनियर नेता थे.राजेश कुमार वर्ष 2020 में कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल की थी. राजेश कुमार को लालू यादव का दरबारी नहीं माना जाता है. इसके साथ ही इनका दलित समाज के बीच मजबूत पकड़ है. कांग्रेस इसे विधान सभा चुनाव में अपने साथ जोड़ना चाहती है.

राजनीतिक पंडितो का कहना है कि कांग्रेस सियासी तौर पर दोबारा से उभरने के लिए नई सोशल इंजीनियरिंग बनाने में लगी है. बिहार में एक समय दलित, सवर्ण और मुस्लिम कांग्रेस का वोट बैंक हुआ करता था. पार्टी अब एक बार फिर से अपने इस समीकरण को गोलबंद करना चाह रही है. राहुल गांधी भी सामाजिक न्याय के बहाने दलित समाज के विश्वास को जीतने में लगी है. राहुल ने दो बार बिहार का दौरा किया है और दोनों ही बार दलित वोटों को साधते हुए नजर आए हैं.

राहुल भी हैं बिहार में सक्रिय

राहुल गांधी दलित समाज के बड़े नेता जगलाल चौधरी की जयंती समारोह में भाग लेने पटना आए थे, इससे पहले संविधान बचाओ कार्यक्रम में शिरकत किए थे. राहुल गांधी के कुछ दिनों के अंतराल पर दो बार बिहार आने के बाद से इस बात की चर्चा तेज हो गई थी कि कांग्रेस बिहार में दलित मतों की पुश्तैनी जमीन समेटने में लग गई है. राहुल गांधी के इस कदम से कांग्रेस में उत्साह का भी संचार हुआ है.

इसके बाद राहुल गांधी का बिहार को लेकर लिए गए ताबड़तोड़ फैसले से जहां आरजेडी सकते में है वहीं कांग्रेस कार्यकर्ता उत्साहित हो गए हैं. कांग्रेस के सीनियर नेता राहुल गांधी के इस फैसले से खुश है. वो कह रहे हैं कि कांग्रेस को अपने पैर पर खड़ा होने का यह प्रयास और पहले करना चाहिए था.

राजेश से कांग्रेस को क्या होगा लाभ?

कांग्रेस ने 2025 में अपनी राजनीति में बदलाव किया है. बिहार में कांग्रेस दलित, ओबीसी, मुस्लिम वोटबैंक को जोड़ने की रणनीति पर काम कर रही है.कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का बदलाव और लालू प्रसाद के विरोध के बावजूद कन्हैया कुमार को बिहार में एक्टिव करने के पीछे कांग्रेस के भविष्य की राजनीतिक दशा-दिशा समझी जा सकती है. ऐसे में कांग्रेस ने तय कर लिया है कि आरजेडी के साथ गठबंधन में सम्मानजनक तरीके से रहेगी, न की पिछलग्गू बनकर.

कांग्रेस के बदले तेवर से साफ है कि कांग्रेस बिहार में फ्रंट फुट पर खेलने का मूड में है. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि इस दफा कांग्रेस विधानसभा चुनाव में आरजेडी से मिलने वाले सीटों को चुपचाप नहीं रख लेगी, वो इसपर अपना पक्ष भी रखेगी. बात नहीं बनने कांग्रेस अकेले भी मैदान में उतरने की तैयारी कर सकती है. चुनाव में आरजेडी के साथ सीट बंटवारे पर सियासी दंगल कर सकती है.

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.