Mahakumbh Prayagraj -: महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर भगदड़, 30 श्रद्धालुओं की मौत; 60 लोग घायल.. - Sandhya Today

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29/01/2025

Mahakumbh Prayagraj -: महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर भगदड़, 30 श्रद्धालुओं की मौत; 60 लोग घायल..

महाकुंभ में मंगलवार को मौनी अमावस्या पर बड़ा हादसा हो गया। संगम नोज के पास देर रात भगदड़ मच गई। इस दौरान मची भगदड़ में 90 श्रद्धालु घायल हो गए, जिसमें उपचार के दौरान 30 स्नानार्थियों की मौत हो गई। घायलों को एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया। मृतकों में से 25 की पहचान हो गई है, जबकि पांच की पहचान नहीं हो सकी है..


महाकुंभ में माैनी अमावस्या स्नान के लिए उमड़ी भीड़ के कारण संगम नोज पर मंगलवार की देर रात करीब डेढ़ बजे बैरिकेडिंग टूट गई। इस दाैरान हादसे में 30 श्रद्धालुओं की माैत हो गई, जबकि 60 लोग जख्मी हो गए। फिलहाल 36 घायलों का एसआरएन अस्पताल में उपचार चल रहा है, जबकि अन्य को उपचार के बाद परिजन साथ ले गए। मृतकों में 25 की पहचान हो चुकी है, जबकि पांच के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। मृतकों में प्रयागराज के अलावा कर्नाटक, गुजरात, बिहार, असम झारखंड, कोलकाता के श्रद्धालु शामिल हैं।


मोर्चरी पहुंचे मृतकों के परिजनों ने बताया कि बड़ी संख्या में लोग माैनी अमावस्या स्नान के लिए संगम नोज की ओर बढ़ रहे थे। वह पोल नंबर 11 से 17 के बीच थे, तभी अचानक बहुत तेज गति में पीछे से भीड़ का रेला आया। कुछ लोग संभल नहीं सके और नीचे गिर पड़े। इसके बाद भीड़ उन्हें रौंदते हुए बढ़ने लगी। हादसे के बाद माैके पर चीख पुकार मच गई। अपनों को बचाने में कई और भीड़ की चपेट में आ गए। पुलिसकर्मी जब तक स्थिति नियंत्रित कर पाते, तब तक दर्जनों लोग अचेत हो चुके थे, जबकि कुछ ऐसे भी लोग थे जो होश में तो थे लेकिन वह बोल पाने की स्थिति में नहीं थे।

सूचना पर एंबुलेंस का तांता लग गया। फिर एक-एक कर हताहतों को मेले के केंद्रीय चिकित्सालय ले जाया गया। यहां मृत घोषित किए जाने वाले श्रद्धालुओं के शव मेडिकल कॉलेज स्थित मोर्चरी भिजवाया गया। मौके से कुल 90 लोगों को अस्पताल ले जाया गया, जिनमें से 30 की मौत हो गई। डीआईजी मेला वैभव कृष्ण ने बताया कि इनमें से 25 की पहचान कर ली गई है। पांच अन्य के बारे में पता लगाया जा रहा है। उधर, 60 घायलों को पहले मेला क्षेत्र स्थित चिकित्सालयों में भर्ती कराया गया। प्राथमिक उपचार के बाद इन सभी को एसआरएन में ले जाया गया, जहां 36 का इलाज जारी है। शेष को उनके परिजन लेकर चले गए।




बैरिकेडिंग टूटने के बाद आई भीड़

जिन मृतकों की पहचान हुई, उनमें से ज्यादातर के परिजनों का कहना है कि अचानक पीछे से भीड़ आने की वजह से हादसा हुआ। उधर, डीआईजी मेला वैभव कृष्ण का कहना है कि रात एक से 2 बजे के बीच अखाड़ा मार्ग पर भीड़ के भारी दबाव के चलते दूसरी साइड की बैरिकेडिंग टूट गई। इसके बाद भीड़ आगे बढ़ी और पहले से ब्रह्म मुहूर्त के इंतजार में संगम घाट के किनारे बैठे श्रद्धालुओं को कुचलते हुए आगे बढ़ गई।

जानकारी के लिए 1920 पर करें कॉल

बुधवार देर शाम मेलाधिकारी विजय किरण आनंद और डीआईजी मेला ने बताया कि हादसे के बाद तत्काल राहत और बचाव कार्य करते हुए भीड़ को हटाया गया और ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एंबुलेंस के माध्यम से लगभग 90 घायलों को हॉस्पिटल पहुंचाया गया। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया है। यदि किसी का कोई भी परिजन लापता है तो उक्त नंबर पर कॉल कर जानकारी की जा सकती है

अचानक पीछे से आई भीड़ बनी वजह

जिन मृतकों की पहचान हुई, उनमें से ज्यादातर के परिजनों का कहना है कि अचानक पीछे से तेजी से भीड़ आने की वजह से भगदड़ मची। उधर कुछ अन्य वजहें भी चर्चा में रही, जिनमें से एक यह रही कि भीड़ में शामिल कुछ युवक शोर मचाते हुए आगे बढ़े। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी। कहा जा रहा है कि विस्तृत जांच के बाद ही कारण स्पष्ट हो सकेगा।

अखाड़ों ने अमृत स्नान का समय आगे बढ़ाया

उधर घटना के बाद अखाड़ाें ने भीड़ के दबाव को देखते हुए अमृत स्नान के समय को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। उन्होंने मेला प्रशासन से कहा कि देश भर से आए श्रद्धालु पहले स्नान करेंगे। इसके बाद वह स्नान के लिए जाएंगे।

किसी को नहीं दिया गया वीआईपी प्रोटोकॉल

डीआईजी मेला ने बताया कि मौनी अमावस्या पर्व पर किसी को भी वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं दिया गया। 29 जनवरी को शासन ने सख्त निर्देश दिए थे कि कोई भी वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं होगा। ऐसे में मेला प्रशासन ने वीआईपी प्रोटोकॉल इंटरटेन नहीं किया। जो भी मुख्य स्नान पर्व है, उस पर कोई वीआईपी प्रोटोकॉल लागू नहीं होगा।



विलंब से हुआ अखाड़ों का अमृत स्नान

घटना को देखते हुए अखाड़ों ने सर्वसम्मत से मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान स्थगित कर दिया। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सभी 13 अखाड़ाें की आपात बैठक बुलाकर यह निर्णय लिया गया। इसके बाद मेला प्रशासन के अलावा खुद सीएम ने संतों से फोन पर बात की। इसके बाद शंकराचार्यों, आचार्य महामंडलेश्वरों एवं अन्य संतों ने श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए विलंब से अमृत स्नान किया।


पीएम ने सीएम से ली जानकारी, चार बार की फाेन पर बात

हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम योगी आदित्यनाथ से चार बार फोन पर बात की और हताहतों की मदद के संंबंध में दिशा-निर्देश दिए। गृहमंत्री अमित शाह, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने भी सीएम से बात की। मामले में सीएम ने लखनऊ स्थित अपने आवास पर हाई लेवल मीटिंग भी बुलाई। इसमें मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी के साथ ही एडीजी कानून व्यवस्था शामिल रहे। उस दाैरान सीएम की ओर से कहा गया कि अखाड़ा मार्ग पर की गई बैरिकेडिंग फांदकर आने में कुछ श्रद्धालु चोटिल हुए। इनमें से कुछ की हालत गंभीर है, जिनका इलाज चल रहा है।

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