Eid Patna :किशनगंज में ईद मिलन समारोह में शामिल हुए प्रशांत किशोर, कहा- नीतीश कुमार सिर्फ मुखौटा हैं, सरकार अमित शाह और उनके अधिकारी चला रहे हैं - Sandhya Today

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31/03/2025

Eid Patna :किशनगंज में ईद मिलन समारोह में शामिल हुए प्रशांत किशोर, कहा- नीतीश कुमार सिर्फ मुखौटा हैं, सरकार अमित शाह और उनके अधिकारी चला रहे हैं

किशनगंज में ईद मिलन समारोह में शामिल हुए प्रशांत किशोर, कहा- नीतीश कुमार सिर्फ मुखौटा हैं, सरकार अमित शाह और उनके अधिकारी चला रहे हैं

Eid Patna :किशनगंज में ईद मिलन समारोह में शामिल हुए प्रशांत किशोर, कहा- नीतीश कुमार सिर्फ मुखौटा हैं, सरकार अमित शाह और उनके अधिकारी चला रहे हैं

अगर वक्फ कानून पारित हो गया तो जदयू नेताओं का खुद को गांधी और लोहिया का अनुयायी कहना गलत होगा- प्रशांत किशोर

किशनगंज। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर आज किशनगंज में अंजुमन इस्लामिया ईद मिलन कार्यक्रम में शामिल हुए। साथ ही उन्होंने क़दम रसूल स्थित मदरसा अमजदिया ईदगाह में चादरपोशी की और ईद पर समाज में शांति, सद्भाव और एकता तथा लोगों के जीवन में खुशहाली की दुआ मांगी। 

ईद मिलन कार्यक्रम के बाद प्रशांत किशोर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पिछले कुछ सालों में नीतीश सरकार का इकबाल खत्म हो गया है। नीतीश कुमार शारीरिक रूप से थके हुए और मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं। नीतीश कुमार खुद सरकार चलाने की स्थिति में नहीं हैं, बल्कि भाजपा ने उन्हें 13 करोड़ लोगों के ऊपर बैठा रखा है। नीतीश कुमार सिर्फ मुखौटा हैं जबकि दिल्ली में बैठी सरकार और उनके अधीन कुछ अधिकारी सरकार चला रहे हैं।

Patna :किशनगंज में ईद मिलन समारोह में शामिल हुए प्रशांत किशोर, कहा- नीतीश कुमार सिर्फ मुखौटा हैं, सरकार अमित शाह और उनके अधिकारी चला रहे हैं
प्रशांत किशोर

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम वक्फ कानून के खिलाफ हैं। अगर मुस्लिम समुदाय को विश्वास में लिए बिना वक्फ कानून पारित किया जाता है तो यह पूरी तरह से गलत होगा। हमारे संविधान निर्माताओं द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय को दिए गए अधिकारों में किसी भी तरह का हस्तक्षेप, वह भी समाज की असहमति के बाद, कतई उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर वक्फ कानून पारित होता है तो इसके लिए भाजपा से ज्यादा नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जदयू के सांसद जिम्मेदार होंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर जदयू के सांसद वक्फ के खिलाफ वोट करते हैं तो यह कानून नहीं बन सकता। और अगर वे वक्फ के खिलाफ वोट नहीं करते हैं तो खुद को गांधी और लोहिया का अनुयायी कहना गलत होगा।

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