श्रीराम मित्र मण्डल नोएडा रामलीला समिति द्वारा सेक्टर-62 के रामलीला मैदान में आयोजित श्रीरामलीला मंचन के सप्तम दिन मुख्य अतिथि राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कलराज मिश्र एवं गणमान्य अन्य अतिथि

 नोएडा। श्रीराम मित्र मण्डल नोएडा रामलीला समिति द्वारा सेक्टर-62 के रामलीला मैदान में आयोजित श्रीरामलीला मंचन के सप्तम दिन मुख्य अतिथि राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कलराज मिश्र,जेवर से विधायक धीरेंद्र सिंह,नोएडा प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी सतीश पाल,भाजपा नेता गणेश जाटव,अनिल चतुर्वेदी,दिनेश महावर,छाया सिंह,पीएस जैन,दीपक अग्रवाल,एनके अग्रवाल,गजेंद्र बंसल,श्रीकांत बंसल,अनिल जैन द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर रामलीला का शुभारंभ किया गया। श्रीराम मित्र मंडल नोएडा रामलीला समिति के चेयरमैन उमाशंकर गर्ग, अध्यक्ष धर्मपाल गोयल एवं महासचिव डॉ॰मुन्ना कुमार शर्मा द्वारा मुख्य अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर और अंगवस्त्र ओढ़ाकर स्वागत किया गया। 



उधर भरत माता कैकई को सफेद वस्त्रों में देखर भौंचक्के रह जाते हैं वह इसका कारण कैकई से पूछते हैं। कैकई पूरा वृतांत सुनाती हैं और कहती हैं मैंने राजा दशरथ द्वारा दिये गए अपने वरदानों के आधार पर राम के लिये 14 वर्षों का वनवास ओर तुम्हारे लिये राज मांगा है। यह सुनकर भरत माता कैकई को अपनी माता कहने के सुख से वंचित करते हुए कहते हैं कि आज के पश्चात आप मेरी माता नहीं हैं। आपने माता कहने का अधिकार खो दिया है। मेरे पिता की हत्या ओर मेरे भाई राम को वनवास भेजने वाली मेरी माता कैसे हो सकती है।वह ईश्वर को साक्षी मानकर यह सौगंध लेते हैं और राम,लक्ष्मण और सीता को ढूंढने निकल पड़ते हैं। 

भगवान राम, सीता, लक्ष्मण निषादराज के साथ प्रयागराज में भारद्वाज मुनि के आश्रम पहुंचते हैं ।वहां ठहरने के पश्चात मुनि से विदा लेकर चित्रकुट में वाल्मीकि जी के आश्रम में पहुंचते हैं, जहां पर भरत, सुमंत, शत्रुध्न व मां कैकई के साथ राम को मनाने पहुंचते हैं। लेकिन राम पिता की आज्ञा के कारण वन से अयोध्या वापस नहीं जाते तब भरत उनकी चरण पादुका लेकर अयोध्या वापस आ जाते हैं । 

अगले दृश्य में भगवान श्रीराम भ्राता लक्ष्मण व सीता के साथ पंचवटी में पहुंचते हैं जहां पर वह पर्ण कुटी बनाकर रहने लगते हैं। वहां पर रावण की बहन सूर्पणखा आती है। वह कामातुर होकर राम व लक्ष्मण से विवाह के लिए कहती हैं उनके मना करने पर वह भयंकर रूप धारण कर लेती है । क्रोध में लक्ष्मण जी उसके नाक कान काट लेते हैं यह सब सुनकर खर, दूषण, आये और उन्होंने राम व लक्ष्मण के साथ भयंकर युद्ध किया । जिसमें भगवान श्रीराम ने उनको मारकर अपने परम धाम पहुंचा दिया ।

रावण दरबार में सुर्पणखा विलापकरती हुई पहुंचती हैं। रावण ने सुर्पणखा की दशा देखकर उससे पूछा कि उसका नाक किसने काटा। सुर्पणखा ने कहा कि राम लक्ष्मण दशरथ के पुत्र हैं । राम के छोटे भाई लक्ष्मण ने मेरे नाक काटा हैं और उन्होंने खरदूषण का भी वध कर दिया । 

समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सतनारायण गोयल ने बताया कि 28 सितंबर को रावण सभा, मारीच वध, सीता-हरण, जटायु वध, राम-सुग्रीव मिलन व बली वध आदि प्रसंगों का मंचन किया जायेगा। 

इस अवसर पर समिति के कोषाध्यक्ष राजेन्द्र गर्ग, सलाहकार मनोज शर्मा, सह-कोषाध्यक्ष अनिल गोयल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सतनारायण गोयल, राजकुमार गर्ग, चौधरी रविन्द्र सिंह, तरुणराज, पवन गोयल,मुकेश गोयल, बजरंग लाल गुप्ता, एस एम गुप्ता, अजीत चाहर, गौरव मेहरोत्रा, आत्माराम अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल, अनंत वर्मा,मीडिया प्रभारी मुकेश गुप्ता, गिरिराज बहेडिया, चक्रपाणि गोयल, राजेश माथुर, साहिल चौधरी, कुलदीप गुप्ता, नवीन पोरवाल,दिनेश मित्तल,सुधीर पोरवाल, मोतीराम गुप्ता, अर्जुन अरोड़ा, बाबूराम शर्मा सहित श्रीराम मित्र मंडल नोएडा रामलीला समिति के सदस्यगण व शहर के सैकड़ों गणमान्य व्यक्ति उपस्तिथ रहे। 


 श्रीराम मित्र मंडल रामलीला समिति,नोएडा।

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