Bihar Politics: बिहार एनडीए में सीटों के बंटवारे पर घटक दलों में सहमति नहीं बन पाई है!

बंटवारे की सीटों में कुछ फेरबदल की मांग को देखते हुए एनडीए के घटक दलों ने अपने हिस्से के विधानसभा क्षेत्रों की घोषणा नहीं की। तय हुआ है कि 15 से 18 अक्टूबर के बीच सभी 243 सीटों पर एनडीए के उम्मीदवारों के नामांकन करा दिए जाएं। जदयू ने अपने उम्मीदवारों को सिंबल देना शुरू कर दिया है।


Bihar Politics: बिहार एनडीए में सीटों के बंटवारे पर घटक दलों में सहमति नहीं बन पाई है!
एनडीए


भाजपा ने उन उम्मीदवारों को नामांकन के लिए जरूरी कागजात जुटाने के लिए कह दिया है। सोमवार को एनडीए के घटक दलों की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस होने वाली थी। इसी में सीटों और उम्मीदवारों की घोषणा होती। संभव है कि अब यह मंगलवार को हो।

भाजपा-जदयू के बीच 101-101 सीटों का बंटवारा हुआ। लोजपा (रा) को 29, हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को छह-छह सीटें दी गई हैं। सीटों की संख्या को लेकर हम और रालोमो के समर्थकों में असंतोष है, लेकिन इसके कारण गठबंधन टूटने की कोई संभावना नहीं है।

इन दलों को विधान परिषद और राज्यसभा की कुछ सीटें देने का प्रस्ताव है। जदयू ने भी लोजपा (रा) को दी गई कुछ सीटों में परिवर्तन की मांग की है। सहरसा जिले की सोनबरसा विधानसभा क्षेत्र पर लोजपा (रा) के दावे को खारिज करते हुए जदयू ने वहां के विधायक रत्नेश सदा को सिंबल दे दिया है। यह सुरक्षित सीट है। रत्नेश कैबिनेट मंत्री हैं।

जदयू को लोजपा (रा) को दी गई वैशाली जिले की सीटों पर भी आपत्ति है। जदयू ने बदले में अन्य सीटों की पेशकश की है।सूत्रों ने बताया कि एनडीए को विपक्षी खेमे के एक दल की भी प्रतीक्षा है। अगर तीसरे दल का आगमन होता है तो नए सिरे से सीटों का बंटवारा होगा।

यह स्थिति बनी तो नए पार्टनर के लिए छह से आठ सीटों का प्रबंध करना होगा। जदयू ने अपनी सीटों की संख्या कम करने से साफ मना कर दिया है। ऐसे में भाजपा और लोजपा (रा) के हिस्से की सीटों में ही कटौती संभव है

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