नई दिल्ली, राष्ट्रीय परशुराम परिषद के तत्वावधान में दिनांक 17 दिसम्बर 2025 को प्रातः 10:00 बजे दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर महिलाओं के प्रति अपमानजनक टिप्पणी एवं समाज में जातिगत विद्वेष फैलाने वाले बयान के विरोध में एक विशाल एवं शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन आयोजित किया गया। यह धरना संतोष वर्मा द्वारा महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुँचाने तथा समाज में जातिगत विद्वेष फैलाने वाले आपत्तिजनक वक्तव्यों के विरोध में आयोजित किया गया।
परिषद का स्पष्ट मत है कि किसी भी जिम्मेदार पद पर आसीन व्यक्ति द्वारा इस प्रकार की भाषा का प्रयोग न केवल महिलाओं का अपमान है, बल्कि यह सामाजिक समरसता, संवैधानिक मूल्यों और राष्ट्रीय एकता के विरुद्ध है।
इस धरना-प्रदर्शन का नेतृत्व आदरणीय पंडित अश्विनी कुमार चौबे जी (पूर्व मंत्री, भारत सरकार) एवं पंडित सुनील भराला जी (संस्थापक संरक्षक, राष्ट्रीय परशुराम परिषद एवं नि. राज्य मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार) ने किया।
माननीय पंडित सुनील भराला जी ने कहा कि आज महिलाओं के सम्मान की रक्षा के लिए महाराणा प्रताप और रानी लक्ष्मीबाई के शौर्य की तरह संघर्ष करना आवश्यक है। उन्होंने गुरु गोबिंद सिंह जी की परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि नारी सम्मान हमारी संस्कृति का मूल है और इसके विरुद्ध कोई भी टिप्पणी अस्वीकार्य है।
पंडित सुनील भराला जी ने संतोष वर्मा द्वारा ब्राह्मण समाज की बेटियों के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणी की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इस प्रकार के बयान पूरे देश में जातीय वैमनस्य फैलाने का कार्य करते हैं।
धरना-प्रदर्शन में सुनील दत्त शर्मा जी (कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय परशुराम परिषद), अजय भारद्वाज जी (राष्ट्रीय अध्यक्ष, परशुराम स्वाभिमान सेना), रजनीश त्यागी जी (दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष, राष्ट्रीय परशुराम परिषद), पंडित अनुराग गौड़, सोनू पंडित, विशाल भारद्वाज जी, नीलम पांडेय जी, श्री जीवनन्द शर्मा जी (राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं प्रदेश अध्यक्ष, जम्मू-कश्मीर), मीनू शर्मा (उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय परशुराम परिषद), शिवानी सिंह (राष्ट्रीय प्रवक्ता), मीडिया प्रभारी अंकाशा शुक्ला, डॉ. हर्षवर्धन सिंह (अध्यक्ष, महाराणा प्रताप सेना) सहित अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी, संत-महात्मा, सामाजिक कार्यकर्ता एवं बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे।
इस आंदोलन में देश के विभिन्न राज्यों से सैकड़ों की संख्या में लोगों ने भाग लिया और एक स्वर में महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध की गई टिप्पणी की कड़ी निंदा करते हुए दोषी व्यक्ति के विरुद्ध तत्काल गिरफ्तारी एवं कठोर कानूनी कार्रवाई की मांग की।
प्रमुख माँगें :
- महिलाओं के प्रति अपमानजनक एवं जातिगत विद्वेष फैलाने वाले बयानों पर तत्काल कार्रवाई
- संतोष वर्मा के विरुद्ध निष्पक्ष जाँच कर दोष सिद्ध होने पर कड़ी से कड़ी सजा
- शासन-प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि भविष्य में कोई भी पदाधिकारी इस प्रकार का बयान न दे
- समाज को स्पष्ट संदेश दिया जाए कि महिला सम्मान सर्वोपरि है
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